अलीगढ़ की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा
अलीगढ़ का इतिहास: अलीगढ़ का इतिहास ऐतिहासिक दृष्टि से जनपद अलीगढ़ का अतीत अत्यंत गौरवशाली और महिमामंडित रहा है। हिन्दू मुस्लिम सांप्रदायिक सदभाव, आध्यात्मिक, वैदिक, पौराणिक, शिक्षा, संस्कृति, संगीत, कला, सुन्दर भवन, धार्मिक, मंदिर, मस्जिद, ऐतिहासिक दुर्ग, गौरवशाली सांस्कृतिक कला की प्राचीन धरोहर को आदि काल से अब तक अपने आप में समेटे हुए अलीगढ़ का विशेष इतिहास रहा है। परिवर्तन के शाश्वत नियम के अनेक झंझावातों के बावजूद अलीगढ़ अस्तित्व अक्षुण्य् रहा है। अलीगढ़ के उत्पत्ति का इतिहास निम्न प्रकार से है। इतिहास में अलीगढ़ की आज तक की जानकारी।
भाषा चुने | हिंदी | ENGLISH
कोइल, कोल = साबितगढ़ = रामगढ़ = अलीगढ़
महाभारत काल: एतिहासिक दृष्टि से अलीगढ़ (कोल) एक अत्यधिक प्राचीन स्थल है। महाभारत के सर्वेक्षण विभाग के अनुसार लगभग 5000 वर्ष पूर्व कोई (कौशिरिव – कौशल) नामक चन्द्रवंशी राजा यहाँ राज्य करता था और तब उसकी इस राजधानी का नाम कौशाम्बी था। वाल्मीकि रामायण में भी इसका उल्लेख पाया जाता है। चन्द्रवंशी राजा कौशरिव को पराजित कर कोल नामक एक दैत्यराज यहाँ का बादशाह बना और उसने अपने नाम पर इस स्थल का नाम कोल रखा। यह उस समय की बात है जब पांडव हस्तिनापुर से अपनी राजधानी उठाकर (बुलन्दशहर) लाये थे। वर्तमान (अलीगढ़) पर काफी दिन कोल का शासन रहा।
द्वापर युग: लोक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम (दाऊजी महाराज) द्वापर युग के अन्त में रामघाट गंगा स्नान के लिए यहाँ होकर गुजरे तो उन्होंने स्थानीय खैर रोड पर अलीगढ़ नगर से करीब 5 किलो मीटर दूर स्थित प्राचीन एतिहासिक स्थल श्री खेरेश्वरधाम पर रुके थे और दैत्य सम्राट कोल का वध करके अपना हथियार हल जहाँ जाकर धोया था उस स्थान का नाम हल्दुआ हो गया।उनके सेनापति हरदेव ने उसी गाँव के निकट ही अपने नाम के आधार पर जिस स्थल पर पैठ लगवाई थी उसी का नाम कलान्तर में हरदुआगंज हो गया। मथुरा संग्रालह में जो सिक्के 200 बी॰ सी॰ के सुरक्षित हैं वह भी हरदुआगंज, सासनी और लाखनू के समीप की गई खुदाई में ही प्राप्त हुए थे।
पौराणिक अलीगढ़: पौराणिक कथाओं के अनुसार यंहा कोही नाम के ऋषि रहते थे जिनके आश्रम का नाम कोहिला आश्रम था। बाद में यही कोहिला कोल हो गया। मान्यता यह भी है कि कोहिलाश्रम और मथुरा के मध्य महर्षि विश्वामित्र का भी आश्रम था। वर्तमान अलीगढ़ जनपद में स्थित वेसवा नाम का कस्बा जहाँ प्राचीन ऐतिहासिक सरोवर धरणीधर है उसी विश्वामित्र आश्रम का अवशेष स्मृति चिन्ह है। अलीगढ़ ब्रजमण्डल के कोर पर स्थित होने से कुछ इतिहासकारों का यह भी मत है कि इस कोर शब्द को ही कलान्तर में कोल कहा जाने लगा। महाभारत काल के जब धीरे धीरे अलीगढ़ के शासकों के छोटे-छोटे राज्य स्थापित हुए तो उनमें राजपूत, नन्द, मौर्य, शुग, शक, कुषाण, नाम, गुप्त, तथा वर्धन वंश के सम्राटों का यत्र तत्र अधिपत्य होता रहा।
कोल – अलीगढ़: 18 वीं शताब्दी से पहले अलीगढ़ को कोल या कोइल के नाम से जाना जाता था। इसका इतिहास बारहवीं शताब्दी तक का इतिहास धुंधला सा है। आयरलैंड के वकील एडविन एटकिनसन के अनुसार इस जगह की स्थापना और नामकरण राजपूतों ने वर्ष 372 में किया था। अलीगढ़ नाम ‘नजफ़ खाँ’ का दिया हुआ है।
साबितगढ़ – अलीगढ़: वर्ष 1194 में कुतुबुद्दीन ऐबक दिल्ली से यहाँ आया था। इसके कब्जे के बाद अकबर और जहाँगीर यहाँ शिकार करने आते थे। जहाँगीर ने कोल के जंगलों के बारे में अच्छी तरह उल्लेख किया था। उसने यह भी बताया था कि उसने भेड़िया का शिकार भी किया था। इब्राहिम लोदी के समय उमर का पुत्र, मुहम्मद ने कोल में लोदी किले का निर्माण किया था, इसका नाम कोल से मुहम्मदगढ़ कर दिया था। इसके बाद 1717 ई. में ‘साबित खाँ’ ने इस क्षेत्र का शासक बना और लोदी किले का फिर से निर्माण कर उसका नाम अपने नाम पर साबितगढ़ किला और शहर का नाम साबितगढ़ रख लिया।
रामगढ़ – अलीगढ़: मथुरा और भरतपुर के जाट राजा सूरजमल ने सन 1753 में कोल पर अपना अधिकार कर लिया। उसे बहुत ऊँची जगह पर अपना किला पसन्द न आने के कारण एक भूमिगत किले का निर्माण कराया तथा सन 1760 में पूर्ण होने पर इस किले का नाम रामगढ़ रखा। 6 नवम्बर 1768 में यहाँ एक सिया मुस्लिम सरदार मिर्जा साहब का अधिपत्य हो गया। 1775 में उनके सिपहसालार अफरसियाब खान ने मोहम्मद (पैगम्बर) के चचेरे भाई और दमाद अली के नाम पर कोल का नाम अलीगढ़ रखा था।
Aligarh ka Itihas
मराठाओं एवं अंग्रेज का युद्ध: 1803 में मैसूर की शक्ति समाप्त होने के बाद पूरे भारत में केवल मराठाओं के पास ही अंग्रेजों से लड़ने हेतु शक्ति बची थी। 1 सितम्बर 1803 में अलीगढ़ किले पर अंग्रेजों और मराठाओं के मध्य लड़ाई हुआ था। इसके बाद अंग्रेजों ने अलीगढ़ पर भी कब्जा कर लिया था। यह कब्जा वर्ष 1947 तक रहा। उसके बाद अंग्रेजों से भारत को आजादी मिल गई।
चाणक्य की कार्यस्थली अलीगढ़: चाणक्यकालीन इतिहास साक्षी है कि कूटनीतिज्ञ चाणक्य की कार्यस्थली भी कोल तक थी। कलिंग विजय के उपरान्त अशोक महान ने विजय स्मारक बनवाये जिनमें कौटिल्य नाम का स्थान का भी उल्लेख होता है, यह कौटिल्य कोई और नहीं कोल ही था।
अलीगढ़ के किले: पुरात्विक प्रसंग के अनुसार अलीगढ़ में दो किले थे, एक किला ऊपर कोट टीले पर तथा दूसरा मुस्लिम विश्वविद्यालय के उत्तर में बरौली मार्ग पर स्थित है।
जैन-बौद्ध काल में अलीगढ़: जैन-बौद्ध काल में भी इस जनपद का नाम कोल था। विभिन्न संग्राहलों में रखी गई महरावल, पंजुपुर, खेरेश्वर आदि से प्राप्त मूर्तियों को देखकर इसके बौद्ध और जैन काल के राजाओं का शासन होने की पुष्टि होती है।
अलीगढ़ में राजवंशों का शासनकाल: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर जमाल मोहम्मद सिद्दीकी ने अपनी पुस्तक ‘अलीगढ़ जनपद का ऐतिहासिक सर्वेक्षण’ में लगभग 200 पुरानी बस्तियों और टीलों का उल्लेख किया है जो अपने अंदर कई राजवंशों के अवशेष छुपाये हुए हैं। अलीगढ़ गजैटियर के लेखक एस॰ आर॰ नेविल के अनुसार “जब दिल्ली पर तौमर वंश के राजा अनंगपाल सिंह का राज्य था तभी बरन (बुलन्दशहर) में विक्रमसैन का शासन था। इसी वंश परम्परा में कालीसैन के पुत्र मुकुन्दसैन उसके बाद गोविन्दसैन और फिर विजयीराम के पुत्र श्री बुद्धसैन भी अलीगढ़ के एक प्रसिद्ध शासक रहे। उनके उत्तराधिकारी मंगलसैन थे जिन्होंने बालायेकिला पर एक मीनार गंगा दर्शन हेतु बनवाई थी, इससे विदित होता है कि तब गंगा कोल के निकट ही प्रवाह होगा।”
राजा राव बहादुर सिंह: कोइल के शासक बर्गुजर राजा राव बहादुर सिंह थे, जिनके पूर्वजों ने कोइल अजीत सिंह की बेटी राजा प्रताप सिंह बरगजर के राजा के विवाह के बाद एडी 1184 से शासन किया था।
कुतुबुद्दीन ऐबक: 1194 ईस्वी में कुतुब-उद-दीन ऐबक दिल्ली से कोइल तक चले गए जो “हिंद के सबसे मनाए जाने वाले किले” में से एक था। कुतुब-उद-दीन ऐबक ने हिसम-उद-दीन उलबाक को कोइल के पहले मुस्लिम गवर्नर के रूप में नियुक्त किया।
इब्राहिम लोदी: इब्राहिम लोदी के समय, उमर के पुत्र मुहम्मद कोल के गवर्नर थे, ने कोल में एक किला बनाया और 1524-25 में मुहम्मदगढ़ के नाम पर शहर का नाम रखा और फारुख सियार और मुहम्मद शाह के समय इस क्षेत्र के गवर्नर सबित खान ने पुराने लोदी किले का पुनर्निर्माण किया और अपने नाम सब्तगढ़ के नाम पर शहर का नाम दिया।
इब्न-बतूता: इब्न-बतूता के रिहला (किताब-उल-रेहला में मोरक्कोवासी यात्री इब्न बतूता के यात्रा वृत्तांत का विवरण प्राप्त होता है) में कोइल का भी उल्लेख है, जब इब्न-बतूता के साथ 1541 में चीन के युआन राजवंश के मंगोल सम्राट उखंतु खान का प्रतिनिधित्व करने वाले 15 राजदूतों के साथ 1341 में कंबय (गुजरात में) के तट पर कोइल शहर की यात्रा की गई। इब्न-बतूता ऐसा प्रतीत होता है कि जिला तब एक बहुत परेशान राज्य में था जब सम्राट के दूतावास के अनुरक्षण ने हिंडाओं के हमलावर निकाय से जलाली को राहत देने में मदद की थी और लड़ाई में अपने अधिकारियों में से एक खो दिया था। इब्न बतूता ने कोइल को “आम ग्रोवों से घिरा एक अच्छा शहर” कहा। ऐसा ही ग्रोवों से कोइल के परिवेशों ने सबजाबाद या “हरा देश” का नाम हासिल कर लिया होगा।
जय सिंह: जयपुर के जय सिंह से संरक्षण के साथ 1753 में जाट शासक सूरजमल और मुस्लिम सेना ने कोइल के किले पर कब्जा कर लिया, बार्गुजर राजा बहादुर सिंह ने उनके तहत एक और किले से लड़ाई जारी रखी और जो “घोसर की लड़ाई” के नाम से जानी जाती है। इसे रामगढ़ का नाम दिया गया और आखिरकार, जब शिया कमांडर नजाफ खान ने कोल पर कब्जा कर लिया, तो उन्होंने इसे अलीगढ़ का वर्तमान नाम दिया। अलीगढ़ किला (अलीगढ़ किला भी कहा जाता है), जैसा कि आज है, फ्रांसीसी इंजीनियरों द्वारा फ्रांसीसी अधिकारियों बेनोइट डी बोइग्ने और पेरॉन के नियंत्रण में बनाया गया था।
1857 की क्रांति: सन 1857 के सिपाही-विद्रोह का अलीगढ़ मुख्य केंद्र रहा। अलीगढ शहर में मुसलमानों की आबादी अधिक है।
अकबर का शासनकाल: अकबर के शासनकाल में, कोइल को सिरकर बनाया गया था और इसमें मराहर, कोल बा हवेली, थाना फरीदा और अकबरबाद के दस्ते शामिल थे, अकबरंद जहांगीर शिकार अभियान पर कोल गए थे। जहांगीर स्पष्ट रूप से कोल के जंगल का उल्लेख करते हैं, जहां उन्होंने भेड़ियों को मार डाला।
तालों के शहर (अलीगढ़): अलीगढ़ उत्तर प्रदेश का एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है और पूरे देश में “तालों के शहर” के नाम से प्रसिद्ध है। अलीगढ़ के ताले पूरे विश्व में निर्यात किए जाते हैं ।
अलीगढ़ की स्थिति: अलीगढ़ को ताला नगरी के भी नाम से जाना जाता है। अलीगढ सीमा रेखा के पूर्व में कासगंज, पश्चिम में हरियाणा राज्य, उत्तर में संभल, गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर तथा दक्षिण में हाथरस और मथुरा स्थित है। अलीगढ से होकर दो नदियाँ गंगा और यमुना गुजरती है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना (1875): अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना 1875 में, सर सैयद अहमद खान ने अलीगढ़ में मुहम्मद एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की और ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों के बाद कॉलेज को पैटर्न दिया कि उन्होंने इंग्लैंड की यात्रा पर दौरा किया था। बाद में यह 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बन गया।
अलीगढ़ के दर्शनीय स्थल: अलीगढ़ के दर्शनीय स्थल, अलीगढ़ के पर्यटन स्थल, अलीगढ़ में घूमने लायक जगह में विभिन्न बाजार और खुबसूरत स्थान भी हैं, जिन्हें देखे बिना अलीगढ़ की यात्रा, अलीगढ़ भ्रमण, अलीगढ़ की सैर अधूरी रहती है। हम अपने इस लेख मे अलीगढ़ के इन्हीं खूबसूरत दर्शनीय स्थल के बारे मे बताएंगे।
Aligarh ka Sampurn Itihas
अलीगढ़ में देखने योग्य जगह क्या है ?
अलीगढ़ किला अलीगढ़
जामा मस्जिद अलीगढ़
खेरेश्वर मंदिर अलीगढ़
मौलाना आजाद लाईब्रेरी अलीगढ़
तीर्थ धाम मंगलायतन अलीगढ़
बाबा बरछी बहादुर दरगाह अलीगढ़
शेखा झील अलीगढ़
दोर फोर्टस अलीगढ़
Aligarh ka sthapana divas
Indian Army Rally Bharti Program 2024
All India Recruitment Program 2024 | Click Below for Complete Job Information |
---|---|
UHQ Quota Relation Rally 2024 | Click Here |
TA Bharti Program 2024 | Click Here |
Gujarat Gram-Sevak Bharti 2024 | Click Here |
Rajasthan Forest Guard Bharti 2024 | Click Here |
Gujarat Anganwadi Bharti 2024 | Click Here |
Indian Navy SSR & AA Recruitment 2024 | Click Here |
Goa Police Bharti Program 2024 | Click Here |
Indian Army Bharti New Syllabus 2024 | Click Here |
Soldier Selection Procedure 2024 | Click Here |
Military Recruitment Program 2024 | Click Here |
Indian Air Force Group C Recruitment 2024 | Click Here |
Indian Navy Sports Quota Bharti Program | Click Here |
Responsibilities of Zila Sainik Board/ Zila Sainik Welfare Offices | Click Here |
Para Commando Selection Process 2024 | Click Here |
UP Helpline Contact Number All Districts | Click Here |
Military Nursing Service MNS Notification 2024 | Click Here |
Gujarat Police Recruitment 2024 | Click Here |
Indian Navy Tradesman Bharti 2024 | Click Here |
UP Police SI Bharti 2024 | Click Here |
UP Anganwadi Bharti 2024 Application Form 53000 Post | Click Here |
Indian Army Latest Rally Bharti Schedule 2024 Notification
Army Navy, IAF, Police Job Notification | Job Info in detail |
---|---|
Anganwadi Bharti 2024 Online Form 53000+ Post | Click Here |
उत्तर प्रदेश सचिवालय सहायक भर्ती कार्यक्रम 2024 | Click Here |
अग्निवीर सेना भर्ती 2024 (All India) | Click Here |
आल इंडिया ARMY भर्ती प्रोग्राम 2024 | Click Here |
UHQ Quota, Sports Open & Center Relation Rally Program 2024 | Click Here |
Indian Navy Sports Quota Recruitment Program 2024 | Click Here |
10th and 12th Pass Selection in Indian Navy 2024 | Click Here |
Graduate Male & Female Entry Scheme 2024 | Click Here |
1 STC bharti program 2024 | Click Here |
Women Tech/Non Tech Entry Course 2024 | Click Here |
Arty Centre Army Rally 2024 | Click Here |
Indian Navy 10+2 B Tech Entry 2024 | Click Here |
All India Army Rally Bharti Program 2024 | Click Here |
भारतीय सेना परीक्षा पाठ्यक्रम की पूरी जानकारी हिंदी एवं अंग्रेजी में | Click Here |
UHQ Quota Relation/ Open Sports Bharti Program 2024 | Click Here |
पुलिस भर्ती मेडिकल टेस्ट कैसे होता है | Click Here |
Police Bharti 2024 | Click Here |
State Wise Army Rally Program 2024 | Click Here |
Army Navy IAF Medical Test Male/ Female | Click Here |
भारतीय सेना महिला प्रवेश योजना 2024 | Click Here |
Documents for Online Application | Click Here |
Know about CAPF, NSG, SPG, BSF, CISF, CRPF, SSB, ITBP, AR, NIA, SSF, SSC Indian Security Forces | Click Here |
दवाओं का प्रयोग: सेना में भर्ती होने वाले सभी उम्मीदवारों को शारीरिक प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाओं का इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है। भर्ती रैली के दौरान उम्मीदवारों पर प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाओं के उपयोग के लिए आकस्मिक जांच की जाएगी। ऐसी किसी भी दवा का उपयोग सख्त वर्जित है। दोषी पाए जाने पर, उम्मीदवार को भर्ती प्रक्रिया से निकाल दिया जाएगा। | |
Indian Army Agniveer Recruitment Rally Program 2024 | Agniveer Rally State wise | |
---|---|---|
State wise Agniveer Army Rally Date 2024 |
||
Uttar Pradesh | Madhya Pradesh | Bihar |
Rajasthan | Andhra Pradesh | Jharkhand |
Haryana | Himachal Pradesh | Punjab |
Maharashtra | Gujarat | GJ |
Kerala | Delhi | Uttarakhand |
West Bengal | Chhattisgarh | Tripura |
Assam | Arunachal Pradesh | Nagaland |
Odisha | J&K | Telangana |
Karnataka | Tamil Nadu | Manipur |
Mizoram | Goa | Meghalaya |